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कितनी माओं के लाल छिने
बेशर्म, हलकट, नीच कोरोना

कितने राम की सीता उठाई
है रावण का तुं बाप कोरोना

राखी वाली कलाई तोड़ी
हराम की औलाद कोरॉना

माथे का सिंदूर मिटाया
मौत का सौदागर कॉरोना

सर से बाप का साया हटा कर
हंस कर तमाशा देखे कॉरॉना

दोस्त से दोस्त को अलग किया
रे गंदे सूअर की नस्ल कोरोना

इंसान भी अब पूरा बदला लेगा
जान के दुश्मन कातिल कारोना

पाताल में तू छुप जा फिरभी
कुत्ते की मौत तूं मरे कोरोना